Call Now : 8989738486, 9302101186 | MAP
     
विशेष सूचना - Arya Samaj, Arya Samaj Mandir तथा Arya Samaj Marriage और इससे मिलते-जुलते नामों से Internet पर अनेक फर्जी वेबसाईट एवं गुमराह करने वाले आकर्षक विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं। अत: जनहित में सूचना दी जाती है कि इनसे आर्यसमाज विधि से विवाह संस्कार व्यवस्था अथवा अन्य किसी भी प्रकार का व्यवहार करते समय यह पूरी तरह सुनिश्चित कर लें कि इनके द्वारा किया जा रहा कार्य पूरी तरह वैधानिक है अथवा नहीं। "अखिल भारतीय आर्यसमाज विवाह सेवा" (All India Arya Samaj Marriage Helpline) अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट द्वारा संचालित है। भारतीय पब्लिक ट्रस्ट एक्ट (Indian Public Trust Act) के अन्तर्गत पंजीकृत अखिल भारत आर्यसमाज ट्रस्ट एक शैक्षणिक-सामाजिक-धार्मिक-पारमार्थिक ट्रस्ट है। Kindly ensure that you are solemnising your marriage with a registered organisation and do not get mislead by large Buildings or Hall.
arya samaj marriage indore india legal
all india arya samaj marriage place

लोककथा

एक लोककथा है कि शिवाजी एक स्थान पर एक किले का निर्माण करवा रहे थे जिसमें हजारों मजदुर काम कर रहे थे। एक दिन शिवजी के मन में यह अहंभाव आया की देखो। इतने लोगों के उदर-पोषण की व्यवस्था मैं कर रहा हूँ, इनको मैं ही भोजन दे रहा हूँ। इतने में ही उनके गुरु समर्थ रामदास वहाँ आ पहुँचें। वे बोले शिवा ! तुम अच्छा काम कर रहे हो इतने मजदूरों की रोटी जो दे रहे हो, तू नहीं होता तो ये भूखे मर जाते। फिर वे एक चट्टान की ओर संकेत करके बोले जरा इसको तो तुड़वा। मजदूरों को लगाकर उस विशाल पत्थर को तुड़वाया गया तो उसके अंदर एक छोटा सा कीड़ा बैठा हुआ पाया गया जो पास ही रखे चावल जैसे खाद्य पदार्थ को बड़े मजे से खा रहा था और पास ही एक छोटे से कुण्ड में पानी भरा हुआ था। रामदास स्वामी ने कहा शिवा ! इस जीव को भी तू ही भोजन पानी दे रहा है।  वास्तव में इस अखिल ब्रह्माण्ड को संभालने वाला, पालने-पोसने वाला तो परमात्मा ही है। मनुष्य तो केवल निमित्त मात्र है। अतएव अर्जुन ! यह ससमझ ले कि इस संसार में जो कुछ है, वह सब मैं ही हूँ, मेरे आलावा कुछ है ही नहीं। जैसे कपडे में से यदि सूत को निकाल दें तो कुछ भी नहीं बचता ऐसे ही संसार में से यदि भगवान को अलग कर दें तो कुछ भी शेष नहीं बचता। 

There is a legend that Shivaji was getting a fort constructed at a place in which thousands of laborers were working. One day Shivji's mind got this arrogance that look. I am making arrangements for the sustenance of so many people, I am giving them food. Just then, his Guru Samarth Ramdas reached there. They said Shiva! You are doing a good job, you are giving bread to so many labourers, if it were not for you, they would have died of hunger. Then he pointed to a rock and said, at least break it. When laborers were forced to break that huge stone, a small worm was found sitting inside it, which was happily eating food items like rice kept nearby and a small pool was filled with water nearby. Ramdas Swami said Shiva! You are also giving food and water to this creature. In fact, the one who takes care of this entire universe, the one who nurtures it is the Supreme Soul. Human beings are just instruments. Therefore Arjun! Understand that everything that is in this world is only me, there is nothing other than me. Just like if the thread is removed from the cloth then nothing is left, similarly if God is separated from the world then nothing is left.

Folklore | Arya Samaj MPCG 8989738486 | Arya Samaj Shadi Procedure MPCG | Hindu Wedding Helpline MPCG | Marriage Procedure of Arya Samaj MPCG | Arya Samaj Helpline MPCG | Arya Samaj Marriage Documents MPCG | Arya Samaj Temple MPCG | Indore Aarya Samaj | Marriage Service by Arya Samaj MPCG | Arya Samaj Hindu Temple MPCG | Arya Samaj Marriage Guidelines Madhya Pradesh Chhattisgarh | Arya Samaj Vivah MPCG | Inter Caste Marriage MPCG | Marriage Service by Arya Samaj Mandir Madhya Pradesh Chhattisgarh | Arya Samaj Indore MPCG | Arya Samaj Marriage Helpline MPCG | Arya Samaj Vivah Lagan MPCG | Inter Caste Marriage Consultant Madhya Pradesh Chhattisgarh | Marriage Service in Arya Samaj MPCG | Arya Samaj Inter Caste Marriage Madhya Pradesh Chhattisgarh

 

  • नास्तिकता की समस्या का समाधान

    नास्तिकता की समस्या का समाधान शिक्षा व ज्ञान देने वाले को गुरु कहते हैं। सृष्टि के आरम्भ से अब तक विभिन्न विषयों के असंख्य गुरु हो चुके हैं जिनका संकेत एवं विवरण रामायण व महाभारत सहित अनेक ग्रन्थों में मिलता है। महाभारत काल के बाद हम देखते हैं कि धर्म में अनेक विकृतियां आई हैं। ईश्‍वर की आज्ञा के पालनार्थ किये जाने वाले यज्ञों...

    Read More ...

  • पूर्वजों की धरोहर की रक्षा करें

    मर्यादा चाहे जन-जीवन की हो, चाहे प्रकृति की हो, प्रायः एक रेखा के अधीन होती है। जन जीवन में पूर्वजों द्वारा खींची हुई सीमा रेखा को जाने-अनजाने आज की पीढी लांघती जा रही है। अपनी संस्कृति, परम्परा और पूर्वजों की धरोहर को ताक पर रखकर प्रगति नहीं हुआ करती। जिसे अधिकारपूर्वक अपना कहकर गौरव का अनुभव...

    Read More ...

pandit requirement
© 2022 aryasamajmpcg.com. All Rights Reserved.