प्रत्येक मनुष्य की अभिलाषा होती है कि वह स्वस्थ एवं दीर्घ जीवन का लाभ उठाए, स्वस्थ रहे प्रसन्न रहे, लंबा जीवन जिए और सदा सुखी रहे। दुर्भाग्यवश वर्मतान में प्रदूषित वातावरण के कारण रोगियों की संख्या बढ़ी है। इसके कारण लोगों की मृत्यु अल्पायु में हो रही है और साथ ही रोगों के उपचार के लिए चिकित्सालयों की संख्या बढ़ी है, लेकिन उपचार इतना महँगा हो गया है कि उसका शुल्क सामान्य लोगों की पहुँच से बाहर हुआ है।
It is the desire of every human being to enjoy the benefits of a healthy and long life, to be healthy, to be happy, to live a long life and to be happy forever. Unfortunately, due to the polluted environment in the present, the number of patients has increased. Due to this people are dying at a young age as well as the number of hospitals for the treatment of diseases has increased, but the treatment has become so expensive that its fee is beyond the reach of common people.
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आर्यों का मूल निवास आर्यों के मूल निवास के विषय में महर्षि दयानन्द का दृढ कथन है कि सृष्टि के आदि में मानव तिब्बत की धरती पर उत्पन्न हुआ था। तिब्बत में पैदा होने वालों में आर्य भी थे और दस्यु भी थे। स्वभाव के कारण उनके आर्य और दस्यु नाम हो गये थे। उनका आपस में बहुत विरोध बढ गया, तब आर्य लोग उस...
नास्तिकता की समस्या का समाधान शिक्षा व ज्ञान देने वाले को गुरु कहते हैं। सृष्टि के आरम्भ से अब तक विभिन्न विषयों के असंख्य गुरु हो चुके हैं जिनका संकेत एवं विवरण रामायण व महाभारत सहित अनेक ग्रन्थों में मिलता है। महाभारत काल के बाद हम देखते हैं कि धर्म में अनेक विकृतियां आई हैं। ईश्वर की आज्ञा के पालनार्थ किये जाने वाले यज्ञों...
मर्यादा चाहे जन-जीवन की हो, चाहे प्रकृति की हो, प्रायः एक रेखा के अधीन होती है। जन जीवन में पूर्वजों द्वारा खींची हुई सीमा रेखा को जाने-अनजाने आज की पीढी लांघती जा रही है। अपनी संस्कृति, परम्परा और पूर्वजों की धरोहर को ताक पर रखकर प्रगति नहीं हुआ करती। जिसे अधिकारपूर्वक अपना कहकर गौरव का अनुभव...