आटे की गोली के साथ पेट में पहुँचा हुआ काँटा जब मछली का पेट फाड़ता है; तब उसे मालूम पड़ता है कि मैं बुद्धिमान हूँ या नहीं। चिड़िया जब जाल में पहुँचती है; तब उसे मालूम पड़ता है कि मैं चतुर एवं सौभाग्यशाली हूँ या नहीं। पापी लोग जब जरा-से प्रयत्न बहुत-सा लाभ कमा लेते हैं, तो फुले नहीं समाते। धर्म-अधर्म के पचड़े से बचकर अपना काम बना लेने की चतुरता पर उन्हें गर्व होता है, पर जब उन कर्मों का प्रारब्ध-भोग काल दंड की तरह उनके पीछे पड़ता है; तब उनकी समझ में आता है कि वे फूहड़, उन्होंने बुद्धिमान का मार्ग चुना था या बेवकूफी का।
A fork brought into the stomach with a ball of flour when the stomach of the fish is torn; Then he comes to know whether I am intelligent or not. When the bird reaches the net; Then he comes to know whether I am clever and fortunate or not. When sinners earn a lot of profit with a little effort, they do not bloom. They are proud of their cleverness to make their work out of the clutches of dharma and unrighteousness, but when the fate-enjoyment of those karmas follows them like a punishment; Then they understand whether they were stupid, they chose the path of intelligent or stupid.
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नास्तिकता की समस्या का समाधान शिक्षा व ज्ञान देने वाले को गुरु कहते हैं। सृष्टि के आरम्भ से अब तक विभिन्न विषयों के असंख्य गुरु हो चुके हैं जिनका संकेत एवं विवरण रामायण व महाभारत सहित अनेक ग्रन्थों में मिलता है। महाभारत काल के बाद हम देखते हैं कि धर्म में अनेक विकृतियां आई हैं। ईश्वर की आज्ञा के पालनार्थ किये जाने वाले यज्ञों...
मर्यादा चाहे जन-जीवन की हो, चाहे प्रकृति की हो, प्रायः एक रेखा के अधीन होती है। जन जीवन में पूर्वजों द्वारा खींची हुई सीमा रेखा को जाने-अनजाने आज की पीढी लांघती जा रही है। अपनी संस्कृति, परम्परा और पूर्वजों की धरोहर को ताक पर रखकर प्रगति नहीं हुआ करती। जिसे अधिकारपूर्वक अपना कहकर गौरव का अनुभव...