कोई भी कार्य प्रारंभ करने से पूर्व एक बात मन में बैठा लेनी चाहिए -''हम इसे अंत तक, सफलता मिल जाने तक पालन करेंगे।'' मनुष्य जीवन में दृढ़ता और अडिगता की अनिवार्यतः आवश्यकता होती है। अपने जीवन को किसी और पर आधारित रखकर स्वयं उसे साधना, संभालना तथा बहुत देर तक प्रतीक्षा करने में अधिक आनंद देखना है। साधना एक प्रकार आनंद है; जिसे थोड़ी देर भोगने से तृप्ति नहीं होती, वरन चिरकाल तक उस रस को लूटा जाता है। भार की तरह ढोने के लिए साधना नहीं; वह तो पुरुषार्थ का आनंद देने वाली होती है।
Before starting any work, one thing should be kept in mind - "We will follow it till the end, till we get success." Persistence and firmness are essential in human life. Keeping your life based on someone else is to cultivate, handle it and see more joy in waiting too long. Sadhana is a kind of bliss; The one which is not satisfied by enjoying it for a while, but for a long time that juice is looted. Not a practice to carry like a load; She is the one who gives the pleasure of effort.
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नास्तिकता की समस्या का समाधान शिक्षा व ज्ञान देने वाले को गुरु कहते हैं। सृष्टि के आरम्भ से अब तक विभिन्न विषयों के असंख्य गुरु हो चुके हैं जिनका संकेत एवं विवरण रामायण व महाभारत सहित अनेक ग्रन्थों में मिलता है। महाभारत काल के बाद हम देखते हैं कि धर्म में अनेक विकृतियां आई हैं। ईश्वर की आज्ञा के पालनार्थ किये जाने वाले यज्ञों...
मर्यादा चाहे जन-जीवन की हो, चाहे प्रकृति की हो, प्रायः एक रेखा के अधीन होती है। जन जीवन में पूर्वजों द्वारा खींची हुई सीमा रेखा को जाने-अनजाने आज की पीढी लांघती जा रही है। अपनी संस्कृति, परम्परा और पूर्वजों की धरोहर को ताक पर रखकर प्रगति नहीं हुआ करती। जिसे अधिकारपूर्वक अपना कहकर गौरव का अनुभव...